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Five Students Of Kapurthala Stranded In Ukraine Reached Home Safely – राहत: यूक्रेन में फंसे कपूरथला के पांच विद्यार्थी सकुशल घर पहुंचे, कहा- एयरपोर्ट पर पंजाब सरकार ने नहीं किया कोई इंतजाम

संवाद न्यूज एजेंसी, कपूरथला (पंजाब)
Published by: ajay kumar
Updated Sat, 05 Mar 2022 12:38 AM IST
सार
नवदीप कौर, वाही रजत, करणवीर सिंह, तनीषा भगत, गुरमुख सिंह, चंदनदीप सिंह और हरप्रीत सिंह युद्ध शुरू होने से पहले ही वतन लौट आए थे। वहीं ईशा गांधी एक मार्च और जितेंद्र सिंह व एक अन्य छात्र तीन मार्च को स्वदेश लौटे थे।
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आरसीएफ निवासी रोहिल शर्मा दोपहर को अपने परिजनों के पास पहुंचे। रोहिल शर्मा के पिता प्रेम कुमार ने बताया कि यूक्रेन में तो युद्ध के कारण बच्चों ने बहुत तकलीफ सही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर पंजाब सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया, जबकि दूसरे प्रदेशों की सरकारों ने अपने प्रदेश के छात्रों के लिए खास प्रबंध किए हैं।
साफिया अग्रवाल और रिद्धि अग्रवाल के परिजन प्रदीप कुमार ने बताया कि साफिया दिल्ली पहुंच गई है और देर रात तक कपूरथला भी पहुंच जाएंगी। रिद्धि अग्रवाल हिंडन एयरपोर्ट (गाजियाबाद) से कुरुक्षेत्र अपने मामा के घर सकुशल पहुंच गईं हैं। नडाला निवासी कोमलप्रीत भी चार दिन विभिन्न देशों से होते हुए घर पहुंच गई हैं, जहां पर परिजनों ने उसका हार पहनाकर स्वागत किया। नवदीप कौर, वाही रजत, करणवीर सिंह, तनीषा भगत, गुरमुख सिंह, चंदनदीप सिंह और हरप्रीत सिंह युद्ध शुरू होने से पहले ही वतन लौट आए थे। वहीं ईशा गांधी एक मार्च और जितेंद्र सिंह व एक अन्य छात्र तीन मार्च को स्वदेश लौटे थे।
विस्तार
आरसीएफ निवासी रोहिल शर्मा दोपहर को अपने परिजनों के पास पहुंचे। रोहिल शर्मा के पिता प्रेम कुमार ने बताया कि यूक्रेन में तो युद्ध के कारण बच्चों ने बहुत तकलीफ सही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर पंजाब सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया, जबकि दूसरे प्रदेशों की सरकारों ने अपने प्रदेश के छात्रों के लिए खास प्रबंध किए हैं।
साफिया अग्रवाल और रिद्धि अग्रवाल के परिजन प्रदीप कुमार ने बताया कि साफिया दिल्ली पहुंच गई है और देर रात तक कपूरथला भी पहुंच जाएंगी। रिद्धि अग्रवाल हिंडन एयरपोर्ट (गाजियाबाद) से कुरुक्षेत्र अपने मामा के घर सकुशल पहुंच गईं हैं। नडाला निवासी कोमलप्रीत भी चार दिन विभिन्न देशों से होते हुए घर पहुंच गई हैं, जहां पर परिजनों ने उसका हार पहनाकर स्वागत किया। नवदीप कौर, वाही रजत, करणवीर सिंह, तनीषा भगत, गुरमुख सिंह, चंदनदीप सिंह और हरप्रीत सिंह युद्ध शुरू होने से पहले ही वतन लौट आए थे। वहीं ईशा गांधी एक मार्च और जितेंद्र सिंह व एक अन्य छात्र तीन मार्च को स्वदेश लौटे थे।