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Students Of Punjab Trapped In Ukraine Share Their Experience – यूक्रेन-रूस युद्ध: न पहनने को कपड़े, न खाने को दो वक्त की रोटी, नाभा के छात्रों ने सुनाई अपनी व्यथा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला (पंजाब)
Published by: ajay kumar
Updated Mon, 28 Feb 2022 12:24 AM IST
सार
यूक्रेन में फंसे अर्जुन बातिश ने बताया कि यहां बहुत दहशत का माहौल है। उनके पास न कोई कपड़ा है और न ही खाने-पीने को कुछ है। अर्जुन के पिता हरीश बातिश व माता कमलजीत शर्मा ने कहा कि वह बहुत चिंतित हैं कि उनका बेटा यूक्रेन में बुरे हालात में फंसा है।
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दोनों ही साल 2018 में यूक्रेन पढ़ने गए थे। इन दोनों विद्यार्थियों ने वहां के हालात वीडियो कॉल के जरिये दिखाए और साथ ही वह किस तरह से दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैं, लाइव आकर बताया। दोनों छात्रों के अभिभावकों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनके बच्चों को जल्द वापस देश लाया जाए।
यूक्रेन में फंसे अर्जुन बातिश ने बताया कि यहां बहुत दहशत का माहौल है। उनके पास न कोई कपड़ा है और न ही खाने-पीने को कुछ है। अर्जुन के पिता हरीश बातिश व माता कमलजीत शर्मा ने कहा कि वह बहुत चिंतित हैं कि उनका बेटा यूक्रेन में बुरे हालात में फंसा है। वहां उनको कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
चंदन ने केंद्र से मांग की है कि जल्द उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाया जाए। चंदन के पिता सतपाल और माता रेखा ने कहा कि किराना की दुकान चलाते हुए कुछ पैसा इकट्ठा करके बेटे को बड़ी मुश्किल से यूक्रेन भेजा था लेकिन अंदाजा नहीं था कि वहां इस तरह के हालात बन जाएंगे।
‘कीव में फंसे छात्रों की मदद नहीं कर रहा दूतावास’
कीव में भारतीय दूतावास फंसे हुए छात्रों की मदद नहीं कर रहा। छात्रों को भोजन की आवश्यकता है, परंतु उन्हें सही समय पर भोजन नहीं मिल पा रहा और उन्हें तुरंत बाहर निकालने की व्यवस्था करनी चाहिए। यह ट्वीट रविवार को गुरदासपुर से राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने देश के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को संबोधित करते हुए किए।
उन्होंने कहा कि कीव (यूक्रेन) में फंसे 174 छात्रों को मदद की जरूरत है। सांसद बाजवा ने लिखा कि जय शंकर जी, कीव में भारतीय राजदूत दुर्भाग्य से कीव में फंसे 174 छात्रों की मदद के लिए मेरी कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं। हालांकि छात्र भारतीय दूतावास के बहुत करीब हैं। छात्रों को दूतावास से कोई मदद नहीं मिली है और उन्हें भोजन की जरूरत है, उन्हें तुरंत निकाला जाए। मैं इन छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजदूत को निर्देश देने का आग्रह करता हूं।
विस्तार
दोनों ही साल 2018 में यूक्रेन पढ़ने गए थे। इन दोनों विद्यार्थियों ने वहां के हालात वीडियो कॉल के जरिये दिखाए और साथ ही वह किस तरह से दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैं, लाइव आकर बताया। दोनों छात्रों के अभिभावकों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनके बच्चों को जल्द वापस देश लाया जाए।
यूक्रेन में फंसे अर्जुन बातिश ने बताया कि यहां बहुत दहशत का माहौल है। उनके पास न कोई कपड़ा है और न ही खाने-पीने को कुछ है। अर्जुन के पिता हरीश बातिश व माता कमलजीत शर्मा ने कहा कि वह बहुत चिंतित हैं कि उनका बेटा यूक्रेन में बुरे हालात में फंसा है। वहां उनको कोई सुविधा नहीं मिल रही है।