Hindi
These Buffaloes Are More Expensive Than Luxury Vehicles – बेहद खास हैं ये भैंसे: लग्जरी गाड़ियों से भी महंगे, किसी की ढाई तो किसी की 11 करोड़ है कीमत, हैरान कर देगी मालिकों की कमाई

लग्जरी गाड़ियां भले ही 20 से 30 लाख रुपये में मिल जाती हों, मगर म्हारे मुर्राह नस्ल के देसी भैंसा की कीमत लाखों-करोड़ों में है। म्हारे देसी भैंसा अनमोल की कीमत तो ढाई करोड़ तक लग चुकी है। मगर इनके पालकों के मन में एक ही चीज है, बेचना नहीं हैं। हालांकि इनके सीमन की बिक्री की जा रही है। वहीं, इनके भोजन में भी सादा, पर नियमित भोजन दिया जाता है। वहीं ये भैंसे अपने मालिकों को इनामी बारिश से भी लखपती बना रहे हैं। मुर्राह नस्ल के भैंसा सूर्या, मोनू, लंबू, अमित शाह, अनमोल अपने पशु मालिकों के साथ गांव को भी अपनी नई पहचान दे रहे हैं। ये पशु राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी में भिवानी पहुंचे।
तालू के सूर्या की कीमत 20 लाख से अधिक
तालू गांव से आया करीब पांच साल का सूर्या (भैंसा) सबके आकर्षण का केंद्र रहा। युवा पशुपालक सोमेश बताते हैं कि सूर्या को अलग से कुछ नहीं खिलते। मगर मिक्सचर और सही खाना समय पर देते हैं। इसकी कीमत 20 लाख से अधिक लग चुकी है। मगर बेचना ही नहीं है। इसका सीमन बेचते हैं।
तालू का लंबू है पांच फीट 9 इंच लंबा
तालू का 5 फीट 9 इंच लंबा लंबू अपनी लंबाई के कारण विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। चार साल का लंबू मुर्राह भैंसा भीम की संतान है। पशुपालक महेंद्र ने बताया कि वह इसको बचपन से पाल रहे हैं और इसे साधारण चारा, मिक्सचर, चना आदि ही दिया जाता है। खाने में और कुछ विशेष नहीं है।
गतौली के रुस्तम की सरकारी कीमत लगी 11 करोड़
जींद के गांव गतौली से आए रुस्तम ने भी मेले में अपनी छठा बिखेरी। कृषक रत्न अवॉर्डी रुस्तम की कीमत वर्ष 2016 में ढाई करोड़ लगी थी। मालिक कैप्टन हरिओम बताते हैं कि आठ साल का रुस्तम अनेक स्पर्धाओं में म्हारी शान बन चुका है और सरकारी चिकित्सकों ने ही आंका है कि इसक कीमत करीब 11 करोड़ है। मतलब इतने के सीमन इसके बिक जाएंगे। वह देश का चैंपियन झोटा है। 2016 में अलग-अलग स्पर्धाओं में सात बार चैंपियन बना। कैप्टन हरिओम बताते हैं कि वे रुस्तम को कुछ अलग से नहीं खिलाते। उसके खाने-पीने का ध्यान रखा जाता है। चना, मेथी, चारा दिया जाता है।
नेशनल चैंपियन राका की देशभर में मांग
डोभ (रोहतक) निवासी रवींद्र के मुर्राह झोटे राका के सीमन की मांग तो हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब राज्यों में भी है। रवींद्र बताते हैं कि साधारण चारा ही खिलाते हैं। राका नेशनल चैंपियन है। प्रतिदिन उसे चना, सोयाबीन, दलिया के अलावा 10 किलो दूध दिया जाता है। उसके सीमन की काफी मांग है। मगर उसे बेचना नहीं चाहते। कीमत लाखों लग चुकी, मगर बेचना नहीं है।