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Three Upsc Aspirants Move Supreme Court Seeking Extra Attempt To Appear In Upsc Main Exam Due To Covid-19 – Upsc Main Exam: यूपीएससी उम्मीदवार पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में मांगा एक और मौका
सार
UPSC Main Exam 2021: उम्मीदवार कोविड-19 (COVID-19) महामारी के संक्रमण की चपेट में आने के कारण जनवरी, 2022 के दूसरे सप्ताह में आयोजित सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (Civil Services Exam-Main) नहीं दे पाए थे।
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संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तीन उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के खिलाफ याचिका दायर की है। ये तीनों उम्मीदवार कोविड-19 (COVID-19) महामारी के संक्रमण की चपेट में आने के कारण जनवरी, 2022 के दूसरे सप्ताह में आयोजित सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (Civil Services Exam-Main) नहीं दे पाए थे।
ऐसे में इन उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका देने की मांग की है। सोमवार, 28 फरवरी को याचिका को स्वीकार करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई सात मार्च को निर्धारित की है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की है कि न्यायालय संघ लोक सेवा आयोग को उन्हें सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी करने से पहले, परीक्षा में भाग लेने के लिए एक अतिरिक्त मौका देने का निर्देश दें या फिर उनके लिए कोई अलग व्यवस्था करने का निर्देश दे ताकि वे अपने छूटे हुए पेपर दोबारा दे सकें।
गौरतलब है कि इन तीन में से दो याचिकाकर्ता यूपीएससी सीएसई (UPSC Civil Services Exam) मुख्य परीक्षा के कुछ शुरुआती पेपर दे चुके थे तथा शेष पेपर में भाग नहीं ले सके जबकि तीसरा याचिकाकर्ता कोरोना संक्रमण के कारण किसी भी पेपर में उपस्थित नहीं हो पाया था। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा सात से 16 जनवरी, 2022 के मध्य आयोजित की गई थी।
याचिका में दलील दी गई है कि सरकार के सख्त क्वारंटीन नियमों के तहत लगाई गई कोविड-19 की पाबंदियों के कारण वे यूपीएससी की मुख्य परीक्षा पूरी तरह से नहीं दे सके थे। इसके अलावा, संघ लोक सेवा आयोग की ओर से भी कोरोना संक्रमित उम्मीदवारों के लिए अलग से परीक्षा कराने या अलग कक्ष में बैठकर परीक्षा देने जैसी नीतियों का अभाव था। ऐसे याचिकाकर्ता सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने से चूक गए थे। उम्मीदवारों ने आर्टिकल-32 का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से यूपीएससी को उन्हें एक अतिरिक्त प्रयास के तौर पर अगली सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में शामिल होने या इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बचे हुए पेपर की अलग परीक्षा कराने के निर्देश देने की मांग की है।
विस्तार
ऐसे में इन उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका देने की मांग की है। सोमवार, 28 फरवरी को याचिका को स्वीकार करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई सात मार्च को निर्धारित की है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में मांग की है कि न्यायालय संघ लोक सेवा आयोग को उन्हें सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी करने से पहले, परीक्षा में भाग लेने के लिए एक अतिरिक्त मौका देने का निर्देश दें या फिर उनके लिए कोई अलग व्यवस्था करने का निर्देश दे ताकि वे अपने छूटे हुए पेपर दोबारा दे सकें।