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Up Assembly Elections: Campaigning For 61 Seats In The Fifth Phase Will End  – Up Assembly Elections : पांचवें चरण की 61 सीटों पर आज शाम थम जाएगा चुनाव प्रचार

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अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 25 Feb 2022 04:49 AM IST

सार

पांचवें चरण का प्रचार शुक्रवार शाम को थम जाएगा। इस चरण में अवध और पूर्वांचल के 11 जिलों की 61 सीटें दांव पर हैं। इनमें अयोध्या भी शामिल है, जहां राममंदिर का निर्माण एक अहम मुद्दा है। इस चरण में 693 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश के सात चरणों में होने वाले चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे हैं, नेताओं के हमले भी एक दूसरे पर तेज हो रहे हैं। पांचवें चरण का प्रचार शुक्रवार शाम को थम जाएगा। इस चरण में अवध और पूर्वांचल के 11 जिलों की 61 सीटें दांव पर हैं। इनमें अयोध्या भी शामिल है, जहां राममंदिर का निर्माण एक अहम मुद्दा है। इस चरण में 693 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।

अवध और पूर्वांचल के जिन जिलों में 27 फरवरी को मतदान होना हैं उनमें अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, चित्रकूट, बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी और गोंडा शामिल हैं। प्रदेश के इस हिस्से को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। 2017 में भाजपा ने यहां की 47 और सहयोगी अपना दल ने तीन सीटें जीती थीं। पांच सीटें बसपा, तीन सपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।

इन प्रमुख चेहरों की प्रतिष्ठा लगी दांव पर
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, इलाहाबाद पश्चिम से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहाबाद दक्षिण से नंद गोपाल नंदी, प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से मोती सिंह जैसे मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। पूर्व मंत्रियों  अवधेश प्रसाद, तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय, कुंडा से रघुराज प्रताप सिंह मुख्य हैं।

विस्तार

उत्तर प्रदेश के सात चरणों में होने वाले चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे हैं, नेताओं के हमले भी एक दूसरे पर तेज हो रहे हैं। पांचवें चरण का प्रचार शुक्रवार शाम को थम जाएगा। इस चरण में अवध और पूर्वांचल के 11 जिलों की 61 सीटें दांव पर हैं। इनमें अयोध्या भी शामिल है, जहां राममंदिर का निर्माण एक अहम मुद्दा है। इस चरण में 693 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।

अवध और पूर्वांचल के जिन जिलों में 27 फरवरी को मतदान होना हैं उनमें अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, चित्रकूट, बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी और गोंडा शामिल हैं। प्रदेश के इस हिस्से को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। 2017 में भाजपा ने यहां की 47 और सहयोगी अपना दल ने तीन सीटें जीती थीं। पांच सीटें बसपा, तीन सपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।

इन प्रमुख चेहरों की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, इलाहाबाद पश्चिम से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहाबाद दक्षिण से नंद गोपाल नंदी, प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से मोती सिंह जैसे मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। पूर्व मंत्रियों  अवधेश प्रसाद, तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय, कुंडा से रघुराज प्रताप सिंह मुख्य हैं।



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