Whether The Three Corporations Of Delhi Will Be Merged Or Not, Will Be Known On March 12 – दिल्ली : तीनों निगमों का विलय होगा या नहीं, 12 मार्च को चलेगा पता, चुनाव की तैयारी भी जोरों पर – News Box India
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Whether The Three Corporations Of Delhi Will Be Merged Or Not, Will Be Known On March 12 – दिल्ली : तीनों निगमों का विलय होगा या नहीं, 12 मार्च को चलेगा पता, चुनाव की तैयारी भी जोरों पर

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सार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ होगी दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेताओं की बैठक।

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तीनों नगर निगमों के अस्तित्व पर मंडरा रहे बादलों के 12 मार्च को छटने के आसार हैं। यूपी, पंजाब समेत दूसरे राज्यों के चुनाव का परिणाम आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेताओं की बैठक होगी। इसमें तीनों निगम का विलय करने के मसले पर भाजपा नेता अपनी बात रखेंगे। दिलचस्प यह कि प्रदेश के ज्यादातर नेताओं की राय है कि दिल्ली में एक निगम होना चाहिए। तीन निगम होने से वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।

दरअसल, वर्ष 2007 में एकीकृत नगर निगम और उसके बाद वर्ष 2012 व 2017 में तीनों नगर निगम के चुनाव में भाजपा ने भारी जीत हासिल की थी, मगर इस बार उसके नेताओं में तीनों नगर निगमों के चुनाव को लेकर उत्साह नहीं दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेताओं को तीनों निगम चुनाव में हार की आशंका है। इसका मुख्य कारण वे तीनों नगर निगम की आर्थिक स्थिति बदतर होना मान रहे हैं।

दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर देने के बाद दिल्ली से भाजपा के सातों सांसद तीनों निगमों का विलय करने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री का दरवाजा खटखटाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने 12 मार्च को प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेताओं को बुलाया है।

सूत्रों के अनुुसार, भाजपा नेता उनके समक्ष तीनों नगर निगम का विलय करने पर चुनाव में पार्टी को लाभ होने के तर्क देंगे। इस दौरान वह बताएंगे कि नगर निगम का विभाजन करने के कांग्रेस के निर्णय को गलत ठहराते हुए तीनों नगर निगमों का विलय करने का ऐलान भाजपा के पक्ष में जाएगा। 

इसके अलावा तीनों निगम के कर्मचारियों और राजधानी की जनता को दिक्कतों के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना पल्ला झाड़ा जा सकता है। इसके अलावा वे तीनों नगर निगम अस्तित्व में रहने पर पार्टी को चुनाव में होने वाले नुकसान के संबंध में अवगत कराएंगे।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेताओं का मानना है कि तीनों नगर निगम का विलय होने पर चुनाव में उनकी पार्टी का जीतना तय है। क्योंकि, इसके बाद नगर निगम के समक्ष आर्थिक संकट नहीं रहेगा और वह अपने कर्मचारियों को नियमित तौर पर वेतन दे सकेंगे। इसके अलावा दिल्ली में विकास कार्य होने शुरू होने के आसार हो जाएंगे। इस कारण भाजपा को नगर निगम के कर्मचारियों एवं दिल्ली की जनता का भारी समर्थन मिलने की संभावना रहेगी।

एक सप्ताह के दौरान विलय करने की  प्रक्रिया हो सकती है पूरी
केंद्र सरकार तीनों नगर निगम का विलय करने की प्रक्रिया एक सप्ताह के अंदर पूरी कर सकती है। केंद्रीय गृह मंत्री के तीनों नगर निगमों का विलय करने के संबंध में 12 मार्च को सहमत होने पर 14 मार्च से प्रक्रिया आरंभ हो सकती है। इस दिन संसद का सत्र पुन: शुरू हो रहा है और इस दिन संसद में विलय करने संबंधी विधेयक पास हो सकता है। इसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही तीनों नगर निगम का विलय हो जाएगा और नगर निगम के चुनाव भी टालने नहीं पड़ेंगे। चुनाव प्रक्रिया के दौरान नगर निगम का प्रशासनिक ढांचा तैयार हो जाएगा।

निगम चुनाव के लिए स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्र चिह्नित
भाजपा पार्षदों की ओर से तीनों निगमों को एक करने की बात हो रही है। इधर, दिल्ली चुनाव आयोग के अधिकारियों की मानें तो निगम चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। आयोग ने स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्र भी चिह्नित कर लिए हैं। वह चुनाव कराने वाले अपने रिटर्निंग अधिकारियों का प्रशिक्षण करा रहे हैं। इसका साफ मतलब ये है कि चुनाव आयोग की ओर से कभी भी निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा की जा सकती है। चुनाव आयोग ने अप्रैल में दिल्ली नगर निगमों का चुनाव कराने की जानकारी पहले ही दे दी थी। हाल ही में आयोग की तरफ वार्डों में रोटेशन प्रक्रिया शुरू हुई थी।

विस्तार

तीनों नगर निगमों के अस्तित्व पर मंडरा रहे बादलों के 12 मार्च को छटने के आसार हैं। यूपी, पंजाब समेत दूसरे राज्यों के चुनाव का परिणाम आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेताओं की बैठक होगी। इसमें तीनों निगम का विलय करने के मसले पर भाजपा नेता अपनी बात रखेंगे। दिलचस्प यह कि प्रदेश के ज्यादातर नेताओं की राय है कि दिल्ली में एक निगम होना चाहिए। तीन निगम होने से वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।

दरअसल, वर्ष 2007 में एकीकृत नगर निगम और उसके बाद वर्ष 2012 व 2017 में तीनों नगर निगम के चुनाव में भाजपा ने भारी जीत हासिल की थी, मगर इस बार उसके नेताओं में तीनों नगर निगमों के चुनाव को लेकर उत्साह नहीं दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेताओं को तीनों निगम चुनाव में हार की आशंका है। इसका मुख्य कारण वे तीनों नगर निगम की आर्थिक स्थिति बदतर होना मान रहे हैं।

दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर देने के बाद दिल्ली से भाजपा के सातों सांसद तीनों निगमों का विलय करने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री का दरवाजा खटखटाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने 12 मार्च को प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेताओं को बुलाया है।

सूत्रों के अनुुसार, भाजपा नेता उनके समक्ष तीनों नगर निगम का विलय करने पर चुनाव में पार्टी को लाभ होने के तर्क देंगे। इस दौरान वह बताएंगे कि नगर निगम का विभाजन करने के कांग्रेस के निर्णय को गलत ठहराते हुए तीनों नगर निगमों का विलय करने का ऐलान भाजपा के पक्ष में जाएगा। 

इसके अलावा तीनों निगम के कर्मचारियों और राजधानी की जनता को दिक्कतों के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना पल्ला झाड़ा जा सकता है। इसके अलावा वे तीनों नगर निगम अस्तित्व में रहने पर पार्टी को चुनाव में होने वाले नुकसान के संबंध में अवगत कराएंगे।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेताओं का मानना है कि तीनों नगर निगम का विलय होने पर चुनाव में उनकी पार्टी का जीतना तय है। क्योंकि, इसके बाद नगर निगम के समक्ष आर्थिक संकट नहीं रहेगा और वह अपने कर्मचारियों को नियमित तौर पर वेतन दे सकेंगे। इसके अलावा दिल्ली में विकास कार्य होने शुरू होने के आसार हो जाएंगे। इस कारण भाजपा को नगर निगम के कर्मचारियों एवं दिल्ली की जनता का भारी समर्थन मिलने की संभावना रहेगी।

एक सप्ताह के दौरान विलय करने की  प्रक्रिया हो सकती है पूरी

केंद्र सरकार तीनों नगर निगम का विलय करने की प्रक्रिया एक सप्ताह के अंदर पूरी कर सकती है। केंद्रीय गृह मंत्री के तीनों नगर निगमों का विलय करने के संबंध में 12 मार्च को सहमत होने पर 14 मार्च से प्रक्रिया आरंभ हो सकती है। इस दिन संसद का सत्र पुन: शुरू हो रहा है और इस दिन संसद में विलय करने संबंधी विधेयक पास हो सकता है। इसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही तीनों नगर निगम का विलय हो जाएगा और नगर निगम के चुनाव भी टालने नहीं पड़ेंगे। चुनाव प्रक्रिया के दौरान नगर निगम का प्रशासनिक ढांचा तैयार हो जाएगा।

निगम चुनाव के लिए स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्र चिह्नित

भाजपा पार्षदों की ओर से तीनों निगमों को एक करने की बात हो रही है। इधर, दिल्ली चुनाव आयोग के अधिकारियों की मानें तो निगम चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। आयोग ने स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्र भी चिह्नित कर लिए हैं। वह चुनाव कराने वाले अपने रिटर्निंग अधिकारियों का प्रशिक्षण करा रहे हैं। इसका साफ मतलब ये है कि चुनाव आयोग की ओर से कभी भी निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा की जा सकती है। चुनाव आयोग ने अप्रैल में दिल्ली नगर निगमों का चुनाव कराने की जानकारी पहले ही दे दी थी। हाल ही में आयोग की तरफ वार्डों में रोटेशन प्रक्रिया शुरू हुई थी।

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