Connect with us

Hindi

1993 Delhi Bomb Blast Decision On Release Of Davinder Pal Bhullar Postponed – अभी नहीं मिलेगी आजादी: 1993 के दिल्ली बम विस्फोट मामले में दोषी भुल्लर की रिहाई पर फैसला स्थगित, धमाके में गई थी 9 लोगों की जान

Published

on

[ad_1]

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Wed, 02 Mar 2022 09:11 PM IST

सार

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि मामले को अगली एसआरबी बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। भुल्लर की रिहाई का मामला पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले जोर पकड़ लिया था।

ख़बर सुनें

दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता वाले सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) ने 1993 के दिल्ली बम विस्फोट मामले के दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की जल्द रिहाई का फैसला टाल दिया है। फिलहाल भुल्लर अमृतसर जेल में बंद है। 

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि मामले को अगली एसआरबी बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। भुल्लर की रिहाई का मामला पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले जोर पकड़ लिया था। बोर्ड के सात सदस्यों में तिहाड़ जेल के महानिदेशक, गृह और कानून विभाग के सचिव, समाज कल्याण विभाग के निदेशक, एक जिला न्यायाधीश समेत दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। 

भुल्लर को 1993 में दिल्ली में हुए एक बम विस्फोट के मामले में दोषी ठहराया गया था। इस घटना में नौ लोगों की मौत हुई थी जबकि 31 घायल हुए थे। हमले में सुरक्षित रहने वाले लोगों में युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एम एस बिट्टा भी शामिल हैं। भुल्लर को 25 अगस्त 2001 को एक नामित टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को कम कर दिया था, इसके बाद वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 

जून 2015 में सेहत खराब होने का हवाला देने पर भुल्लर को तिहाड़ जेल से अमृतसर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने हाल ही में पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने के व्यापक हित में भुल्लर की तत्काल रिहाई की मांग की थी।

उन्होंने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर उनकी रिहाई में बाधा डालने का आरोप लगाया था। पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताते हुए शिअद पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की थी। 

विस्तार

दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता वाले सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) ने 1993 के दिल्ली बम विस्फोट मामले के दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की जल्द रिहाई का फैसला टाल दिया है। फिलहाल भुल्लर अमृतसर जेल में बंद है। 

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि मामले को अगली एसआरबी बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। भुल्लर की रिहाई का मामला पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले जोर पकड़ लिया था। बोर्ड के सात सदस्यों में तिहाड़ जेल के महानिदेशक, गृह और कानून विभाग के सचिव, समाज कल्याण विभाग के निदेशक, एक जिला न्यायाधीश समेत दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। 

भुल्लर को 1993 में दिल्ली में हुए एक बम विस्फोट के मामले में दोषी ठहराया गया था। इस घटना में नौ लोगों की मौत हुई थी जबकि 31 घायल हुए थे। हमले में सुरक्षित रहने वाले लोगों में युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एम एस बिट्टा भी शामिल हैं। भुल्लर को 25 अगस्त 2001 को एक नामित टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को कम कर दिया था, इसके बाद वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 

जून 2015 में सेहत खराब होने का हवाला देने पर भुल्लर को तिहाड़ जेल से अमृतसर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने हाल ही में पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने के व्यापक हित में भुल्लर की तत्काल रिहाई की मांग की थी।

उन्होंने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर उनकी रिहाई में बाधा डालने का आरोप लगाया था। पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताते हुए शिअद पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की थी। 

[ad_2]

Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

Categories