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सार
भारत के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले 11 खिलाड़ियों में पांच तो 100वें मैच के बाद 20 मैच भी नहीं खेल पाए और उनका टेस्ट करियर समाप्त हो गया। ऐसे में विराट के सामने भी 100वें टेस्ट के बाद अच्छा प्रदर्शन करने की चुनौती होगी।
भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत चार मार्च से मोहली में होगी। इस मैच में उतरते ही विराट भारत के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले 12वें खिलाड़ी बन जाएंगे। हालांकि, 100वें टेस्ट के बाद खेल पाना सभी के लिए आसान नहीं रहा है। भारत के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले 11 खिलाड़ियों में पांच तो 100वें मैच के बाद 20 मैच भी नहीं खेल पाए और उनका टेस्ट करियर समाप्त हो गया। ऐसे में विराट के सामने भी 100वें टेस्ट के बाद अच्छा प्रदर्शन करने की चुनौती होगी।
सचिन तेंदुलकर ने 100वें मैच के बाद भी शानदार प्रदर्शन किया था और जमकर रन बनाए थे, लेकिन उनके अलावा द्रविड़ ही ऐसे खिलाड़ी हैं, जो 150 से ज्यादा मैच खेल पाएं हैं। यहां हम बता रहे हैं कि भारत के लिए 100 टेस्ट खेलने के बाद हर खिलाड़ी का करियर कैसा रहा है।
भारत के लिए 200 टेस्ट खेलने वाले सचिन तेंदुलकर ने 329 टेस्ट पारियों में 53.78 के औसत से 15921 रन बनाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 248 रन रहा है। इस दौरान उनके बल्ले से 51 शतक और 68 अर्धशतक निकले हैं। इसके अलावा सचिन ने टेस्ट में 46 विकेट भी अपने नाम किए हैं। वो टेस्ट में सबसे ज्यादा रन और सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
100वें मैच के बाद सचिन ने बाद सचिन ने आखिरी 100 मैचों में 49.77 के औसत से 7516 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा स्कोर नाबाद 248 रन भी बनाया। उनके करियर के 51 में से 21 शतक 100वें मैच के बाद आए।
भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट की 286 पारियों में द्रविड़ ने 52.31 के औसत से 13288 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 36 शतक और 63 अर्धशतक निकले हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 270 रन रहा है। हालांकि 100वें मैच के बाद द्रविड़ के प्रदर्शन में भी गिरावट आई। उन्होंने 64 मैच में 44.66 के औसत से 4735 रन बनाए और 14 शतक लगाए। वहीं शुरुआती 100 मैचों में उन्होंने 57.79 के औसत से 8553 रन बनाए थे और उनके बल्ले से 22 शतक निकले थे।
वीवीएस लक्ष्मण ने अपने करियर में 225 टेस्ट पारियों में 45.97 के औसत से 8781 रन बनाए हैं। उनके नाम 17 शतक और 56 अर्धशतक हैं। अपने करियर में लक्ष्मण 34 बार नॉट आउट रहे हैं। वे पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते थे, इसलिए उनके नाम शतक कम हैं। उनका सबसे बड़ा स्कोर 281 रन का है। अपना 100वां मैच खेलने के बाद लक्ष्मण ने सिर्फ 34 मैच खेले, लेकिन कमाल की बल्लेबाजी की। उन्होंने 48 के औसत से 2400 रन बनाए। इसमें चार शतक भी शामिल थे। वहीं उनका करियर औसत 45.97 का है।
भारत के दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने 236 पारियों में 619 विकेट अपने नाम किए हैं। वे एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं, जिन्होंने एक पारी में सभी विकेट लिए हैं। वहीं यह कारनामा करने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज हैं। कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट में 35 बार पांच विकेट और आठ बार 10 विकेट लिए हैं। 100वें मैच के बाद कुंबले ने 32 मैच की 58 पारियों में गेंदबाजी की और 134 विकेट लिए। उनका करियर औसत 29.65 का है, लेकिन 100वें मैच के बाद उन्होंने 35.67 के औसत से विकेट चटकाए।
भारत को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान कपिल देव ने अपने करियर में बल्ले के साथ 184 पारियों में 31.05 के औसत से 5248 रन बनाए। इसमें आठ शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 163 रन रहा है। कपिल ने 227 पारियों में गेंदबाजी की है और 434 विकेट लिए हैं। उन्होंने 23 बार पांच विकेट और दो बार 10 विकेट लेने का कारनामा भी किया है। वे एक पारी में नौ विकेट भी ले चुके हैं।
वहीं 100वें मैच के बाद उन्होंने 31 मैचों में 1106 रन बनाए और दो शतक भी लगाए। उनका करियर औसत 31.05 का है, जबकि 100वें मैच के बाद उन्होंने 29.89 के औसत से रन बनाए। वहीं गेंद के साथ 80 विकेट लिए। अपने करियर में कपिल ने लगभग 30 रन देने के बाद एक विकेट लिया, जबकि 100वें मैच के बाद उन्होंने लगभग 33 रन देकर एक विकेट लिया।
सुनील गावस्कर ने 125 मैच की 214 पारियों में 10122 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 51.12 का रहा। गावस्कर ने 34 शतक और 45 अर्धशतक लगाए। वहीं 100वें मैच के बाद उन्होंने 25 मैच खेले और 45.63 के औसत से 1643 रन बनाए। उनका करियर औसत 51.12 का है, जो आखिरी 25 मैचों में 45.63 का रहा। शुरुआती 100 मैच में 30 शतक लगाने वाले गावस्कर ने आखिरी 25 मैच में सिर्फ चार शतक लगाए।
दिलीप वेंगसरकर ने 185 पारियों में 42.13 के औसत से 6868 रन बनाए। उनके नाम 17 शतक और 35 अर्धशतक हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 166 रन है। वहीं 100वें टेस्ट में शून्य पर आउट होने के बाद वेंगसरकर ने सिर्फ 16 मैच खेले और 21.33 के औसत से 512 रन बनाए। आखिरी 16 मैचों में उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला और उनका सर्वाधिक स्कोर सिर्फ 62 रन रहा। उनका करियर औसत 42.13 का है, जबकि 100वें मैच के बाद यह गिरकर 21.33 रह गया।
सौरव गांगुली ने 113 मैच की 188 पारियों में 42.17 के औसत से 7212 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 16 शतक और 35 अर्धशतक लगाए हैं। वहीं गेंद के साथ उन्होंने 99 पारियों में 32 विकेट लिए। हालांकि, 100वें टेस्ट के बाद उनका प्रदर्शन भी लगातार खराब हुआ। अपने आखिरी 13 टेस्ट में सौरव ने 35.59 के औसत से 783 रन बनाए और उनका सर्वाधिक स्कोर सिर्फ 102 रन रहा। 100वें मैच के बाद यही उनका एकमात्र शतक था। वहीं गेंद के साथ वे कोई विकेट नहीं ले पाए।
इशांत शर्मा भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 100 से ज्यादा मैच खेले हैं और अब तक संन्यास का एलान नहीं किया है। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला। इशांत ने भारत के लिए 105 टेस्ट में 311 विकेट लिए हैं। वे 11 बार पांच विकेट एक बार 10 विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं। इशांत ने भले ही अब तक संन्यास का एलान नहीं किया है, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में वे भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। आने वाले सीरीज में भी उन्हें भारतीय टीम में मौका मिलना मुश्किल है।
100वें मैच के बाद इशांत ने पांच मैच में आठ विकेट लिए हैं। उनका करियर औसत 40.12 का है, लेकिन 100वें मैच के बाद उनका गेंदबाजी औसत बढ़कर 40.12 का हो गया है। अब बुमराह, शमी और सिराज के आने के बाद भारतीय टीम में उन्हें मौका मिलना भी मुश्किल है। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में उनका नाम न आने के बाद इशांक का करियर लगभग खत्म माना जा रहा है।
वीरेन्द्र सहवाग ने 104 टेस्ट मैच खेले और 180 पारियों में 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए। उनका सर्वाधिक स्कोर 319 रन रहा है। उनके नाम 23 शतक 50 अर्धशतक हैं। सहवाग टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने भारत के लिए 40 विकेट भी लिए हैं। टेस्ट में सबसे ज्यादा तिहरा शतक लगाने के मामले में सहवाग संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं। हालांकि, आखिरी चार मैचों में उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा। 49.34 का करियर औसत रखने वाले सहवाग ने 100वें मैच के बाद सिर्फ 16.50 के औसत से 49 रन बनाए। वे इस दौरान कोई अर्धशतक भी नहीं लगा सके।
भारत के लिए 103 टेस्ट खेलने वाले हरभजन सिंह ने 190 पारियों में 417 विकेट अपने नाम किए। वे 25 बार पांच विकेट और पांच बार 10 विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं। हरभजन ने बल्ले के साथ भी कई उपयोगी पारियां खेली हैं। उन्होंने 145 पारियों में 18.22 के औसत से 2224 रन बनाए हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 115 का है और उनके नाम दो शतक और नौ अर्धशतक हैं।
100वें मैच के बाद भज्जी भी विकेट लिए तरसते दिखे। उन्होंने अपने आखिरी तीन मैच में सिर्फ छह विकेट निकाले और 22 रन बना पाए। भज्जी ने भले ही 2021 के अंत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया हो, लेकिन उनका आखिरी मैच अगस्त 2015 में था। इसका मतलब है कि करियर के आखिरी छह सालों में उन्हें कोई टेस्ट मैच खेलने का मौका ही नहीं मिला। विराट को भी ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
विराट भी अपना सौवां टेस्ट खेलने से पहले ही खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। पिछले दो साल से उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला है। ऐसे में विराट को भी 100वें मैच के बाद अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा। अपने 11 साल के टेस्ट करिअर में कोहली ने 99 मैच में कुल 27 शतक लगा चुके हैं। इसमें 7 दोहरा शतक हैं। उनका टेस्ट में औसत 50.39 का रहा है। अभी तक उन्होंने कुल 7962 रन बना लिए हैं। अगर विराट सचिन की तरह फॉर्म में वापसी नहीं करते हैं तो उनका करियर भी हरभजन और सहवाग के जैसा हो सकता है।
विस्तार
भारत और श्रीलंका के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत चार मार्च से मोहली में होगी। इस मैच में उतरते ही विराट भारत के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले 12वें खिलाड़ी बन जाएंगे। हालांकि, 100वें टेस्ट के बाद खेल पाना सभी के लिए आसान नहीं रहा है। भारत के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले 11 खिलाड़ियों में पांच तो 100वें मैच के बाद 20 मैच भी नहीं खेल पाए और उनका टेस्ट करियर समाप्त हो गया। ऐसे में विराट के सामने भी 100वें टेस्ट के बाद अच्छा प्रदर्शन करने की चुनौती होगी।
सचिन तेंदुलकर ने 100वें मैच के बाद भी शानदार प्रदर्शन किया था और जमकर रन बनाए थे, लेकिन उनके अलावा द्रविड़ ही ऐसे खिलाड़ी हैं, जो 150 से ज्यादा मैच खेल पाएं हैं। यहां हम बता रहे हैं कि भारत के लिए 100 टेस्ट खेलने के बाद हर खिलाड़ी का करियर कैसा रहा है।
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