हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के भीतर और बाहर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली के मुद्दे पर वीरवार को जमकर हंगामा हुआ। हजारों कर्मचारियों ने जहां उग्र प्रदर्शन किया, वहीं सदन के भीतर सत्र शुरू होने से लेकर शाम पांच बजे तक विपक्ष ने सरकार को घेरे रखा। सुबह प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने ओपीएस को लेकर वेल में पहुंचकर नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया। उधर प्रदेश भर से हजारों कर्मचारियों ने शिमला पहुंचकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को रोकने में सरकार का खुफिया तंत्र और सुरक्षा इंतजाम फेल हो गए।
शहर में चार जगह लगाए बैरिकेड तोड़कर कर्मचारी विधानसभा के मुख्य गेट तक पहुंच गए। एनपीएस कर्मचारी महासंघ के प्रदर्शन से गुरुवार को पूरा शहर जाम हो गया। टुटीकंडी क्रॉसिंग से शिमला पहुंचने में लोगों को पांच घंटे का समय लग गया। शहर का टुटीकंडी बाईपास पहली बार जाम हुआ। प्रदर्शनकारियों के आगे पुलिस और प्रशासन की सभी तैयारियां ध्वस्त हो गईं। शहर के लोगों ने भी पहली बार ऐसी भारी अव्यवस्था देखी।
इस दौरान कर्मचारियों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं, पानी की बौछारें भी छोड़ीं। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। हजारों कर्मचारियों के आगे पुलिस कम पड़ गई।
एनपीएस कर्मचारी महासंघ के प्रदर्शन से पूरा शिमला शहर जाम हो गया। जरूरी कार्यों या अस्पताल जा रहे लोग परेशान हुए। उधर, विधानसभा सत्र के दौरान सदन में इसी मामले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री में तीखी नोकझोंक हुई।
शाम पांच बजे से पहले तो विधानसभा को पांच मिनट के लिए स्थगित तक करना पड़ा और सुबह माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी विपक्ष के साथ वेल में जाकर नारेबाजी की। सीएम जयराम ठाकुर इस मुद्दे पर विपक्ष के खिलाफ आक्रामक दिखे।
सुबह 11 बजे टूटीकंडी क्रॉसिंग से प्रदर्शनकारी टनल 103 के पास पहुंचे। यहां पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद वार्ता का निमंत्रण आने पर कुछ देर शांत हुए, लेकिन 15 मिनट बाद कर्मचारी धक्का-मुक्की कर आगे बढ़ गए।