Hindi
No To War, Entire Staff Of Russian Tv Channel Resigns Live On-air – जंग का असर: यूक्रेन पर आक्रमण का विरोध, रूसी टीवी चैनल के पूरे स्टाफ ने चलते शो में दे दिया इस्तीफा
[ad_1]
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मॉस्को
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 04 Mar 2022 10:44 PM IST
सार
स्टाफ के नाटकीय ढंग से बाहर निकलने के बाद चैनल ने ‘स्वान लेक’ बैले वीडियो चलाया जिसे 1991 में सोवियत संघ के पतन के समय रूस में सरकारी टीवी चैनलों पर दिखाया गया था।
टीवी चैनल के पूरे स्टाफ ने लाइव इस्तीफा दिया
– फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
विस्तार
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का पूरी दुनिया में ही नहीं बल्कि रूस में भी विरोध हो रहा है। यहां युद्ध के विरोध में आए दिन विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। रूसी मीडिया में भी इसका विरोध हो रहा है लेकिन उन्हें रूस के पक्ष में समाचार दिखाए जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इससे मीडियाकर्मियों में भारी नाराजगी है।
यूक्रेन युद्ध की कवरेज दिखाए जाने से नाराज थे अधिकारी
ऐसे ही एक मामले में एक रूसी टेलीविजन चैनल के पूरे स्टाफ ने अंतिम प्रसारण में “युद्ध नहीं” के संदेश के बाद लाइव ऑन एयर इस्तीफा दे दिया। टीवी रेन (Dozhd) के कर्मचारियों ने रूसी अधिकारियों द्वारा यूक्रेन युद्ध की कवरेज दिखाए जाने से नाराज होकर प्रसारण निलंबित करने के बाद यह फैसला लिया। चैनल की संस्थापकों में से एक नतालिया सिंदेयेवा ने अपने आखिरी प्रसारण में “युद्ध नहीं” कहा और इसके बाद सभी कर्मचारियों ने स्टूडियो से वॉकआउट कर दिया। चैनल ने बाद में एक बयान में कहा कि उसने ऑपरेशन अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है। सामूहिक इस्तीफे का वीडियो लेखक डेनियल अब्राहम ने लिंक्डइन पर साझा किया है।
चैनल ने ‘स्वान लेक’ बैले वीडियो चलाया
स्टाफ के नाटकीय ढंग से बाहर निकलने के बाद चैनल ने ‘स्वान लेक’ बैले वीडियो चलाया जिसे 1991 में सोवियत संघ के पतन के समय रूस में सरकारी टीवी चैनलों पर दिखाया गया था। वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। रूस के आखिरी उदार मीडिया कंपनी में से एक एखो मोस्किवी रेडियो स्टेशन को भी यूक्रेन में युद्ध के कवरेज को लेकर दबाव के बाद इसके बोर्ड द्वारा भंग कर दिया गया था। इसके संपादक ने गुरुवार को यह जानकारी दी। हालांकि यह अब भी यूट्यूब पर प्रसारित हो रहा है।
प्रमुख रेडियो स्टेशन पर भी पाबंदी
रेडियो स्टेशन में यूक्रेनी पत्रकारों के साक्षात्कार दिखाए गए थे जिन्होंने रूस के आक्रमण की भयावहता का जिक्र किया था। हालांकि, प्रधान संपादक अलेक्सी वेनेडिक्टोव ने इस सप्ताह समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि स्टेशन स्वतंत्र संपादकीय नीति को नहीं छोड़ेगा जो तीन दशकों से इसकी पहचान है। उन्होंने कहा कि हमारी संपादकीय नीतियां नहीं बदलेंगी। अमेरिका ने बुधवार को रूस पर स्वतंत्र समाचार कंपनियों पर रोक लगाकर यूक्रेन पर आक्रमण की खबर सुनने से रूसियों को रोककर मीडिया स्वतंत्रता और सच्चाई के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया।
विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि रूस की सरकार ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम का भी गला घोंट रही है, जिस पर रूस के लाखों नागरिक स्वतंत्र जानकारी और राय हासिल करने के लिए भरोसा करते हैं। रूसी लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल एक-दूसरे और बाहरी दुनिया से जुड़ने के लिए भी करते हैं।
[ad_2]
Source link