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Supreme Court Said Husband Stationed On The Border And You Are Enjoying In Hotel – सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार: जमानत रद्द करने से इनकार, कहा- पति सीमा पर और आप पराए मर्द संग होटल जाती हैं

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एजेंसी, नई दिल्ली।

Published by: Jeet Kumar
Updated Sat, 26 Feb 2022 04:39 AM IST

सार

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि अपने बच्चों को घर छोड़कर आपने पास के शहर के होटल में अलग कमरा लिया और पति की गाढ़ी कमाई उड़ाई।

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सुप्रीम कोर्ट ने आईटीबीपी जवान की पत्नी की याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि पति सीमा पर तैनात है और आप होटल में गुलछर्रे उड़ा रही हैं। महिला को फटकार लगाते हुए अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने के राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने पाया कि मामला सहमति संबंध का है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि अपने बच्चों को घर छोड़कर आपने पास के शहर के होटल में अलग कमरा लिया और पति की गाढ़ी कमाई उड़ाई। सीमा पर तैनात उस बेचारे को तो पता भी नहीं होगा कि पत्नी उसके भेजे पैसे का क्या इस्तेमाल कर रही है।

आरोपपत्र से लगता है कि मामला सहमति संबंध है। इसलिए हम हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2021 के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अधिवक्ता आदित्य जैन के माध्यम से दायर याचिका में महिला ने कोर्ट से कहा था कि आरोपी ने उससे कई बार दुष्कर्म किया और अब ब्लैकमेल कर पैसे मांग रहा है।

आरोपों के समर्थन में उसने बैंक स्टेटमेंट प्रस्तुत कर कहा कि हाईकोर्ट ने पीड़िता से पैसे लेने के तथ्य पर ध्यान नहीं दिया और आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी कि आरोपपत्र दाखिल हो चुका है। आरोपी को दुष्कर्म और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। महिला उसे मिली जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने आईटीबीपी जवान की पत्नी की याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि पति सीमा पर तैनात है और आप होटल में गुलछर्रे उड़ा रही हैं। महिला को फटकार लगाते हुए अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने के राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने पाया कि मामला सहमति संबंध का है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि अपने बच्चों को घर छोड़कर आपने पास के शहर के होटल में अलग कमरा लिया और पति की गाढ़ी कमाई उड़ाई। सीमा पर तैनात उस बेचारे को तो पता भी नहीं होगा कि पत्नी उसके भेजे पैसे का क्या इस्तेमाल कर रही है।

आरोपपत्र से लगता है कि मामला सहमति संबंध है। इसलिए हम हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2021 के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अधिवक्ता आदित्य जैन के माध्यम से दायर याचिका में महिला ने कोर्ट से कहा था कि आरोपी ने उससे कई बार दुष्कर्म किया और अब ब्लैकमेल कर पैसे मांग रहा है।

आरोपों के समर्थन में उसने बैंक स्टेटमेंट प्रस्तुत कर कहा कि हाईकोर्ट ने पीड़िता से पैसे लेने के तथ्य पर ध्यान नहीं दिया और आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी कि आरोपपत्र दाखिल हो चुका है। आरोपी को दुष्कर्म और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। महिला उसे मिली जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।

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