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Aaj Ka Shabd Anishchit Vinod Kumar Shukl Hindi Kavita Prem Ki Jagah Anishchit Hai – आज का शब्द: अनिश्चित और विनोद कुमार शुक्ल की कविता प्रेम की जगह अनिश्चित है

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हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है अनिश्चित जिसका अर्थ है जो निश्चित या तय न हो; जो पक्का न हो। कवि विनोद कुमार शुक्ल ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है।

प्रेम की जगह अनिश्चित है
यहाँ कोई नहीं होगा की जगह भी नहीं है

आड़ की ओट में होता है
कि अब कोई नहीं देखेगा
पर सबके हिस्से का एकांत
और सबके हिस्से की ओट निश्चित है

वहाँ बहुत दोपहर में भी
थोड़ा-सा अंधेरा है
जैसे बदली छाई हो
बल्कि रात हो रही है
और रात हो गई हो

बहुत अंधेरे के ज़्यादा अंधेरे में
प्रेम के सुख में
पलक मूंद लेने का अंधकार है
अपने हिस्से की आड़ में
अचानक स्पर्श करते
उपस्थित हुए
और स्पर्श करते हुए विदा

37 minutes ago

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