Connect with us

Hindi

China Steps Up Attack On Usd-500 Million American Aid To Nepal Issues Second Statement In A Week – तिलमिलाया ड्रैगन: नेपाल को अमेरिकी मदद पर एक हफ्ते में दूसरी बार चीन बोला- सहायता किसी राजनीतिक मकसद से न हो

Published

on

[ad_1]

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडू
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Wed, 23 Feb 2022 09:34 PM IST

सार

नेपाल को मिल रही अमेरिकी सहायता को लेकर चीन में काफी हलचल का माहौल है। दरअसल, चीन ने लंबे समय से काठमांडू में निवेश किया है। इसके अलावा ड्रैगन नेपाल की मार्क्सवादी वामपंथी पार्टियों को भी मदद पहुंचाता रहा है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI

ख़बर सुनें

विस्तार

अमेरिका की ओर से नेपाल को 50 करोड़ डॉलर के मिलेनियम कॉरपोरेशन चैलेंज (एमसीसी) कार्यक्रम के तहत आर्थिक मदद मिलने से चीन चौकन्ना हो गया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि वह जबरदस्ती की कूटनीति और संप्रभुता की कीमत पर सहायता के खिलाफ है। ड्रैगन ने कहा कि अगर मदद दी जा रही तो ठीक है, लेकिन इसके साथ कोई अल्टिमेटम या राजनीतिक हित नहीं जुड़े होने चाहिए।

गौरतलब है कि नेपाल के राजनीतिक दलों के बीच इसको लेकर मतभेद है कि अमेरिका की तरफ से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जो मदद मुहैया कराई जा रही है उसे स्वीकार करना चाहिए या नहीं। काठमांडू में जारी इस राजनीतिक बहस में चीन भी कूद गया है। पिछले हफ्ते भी चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि बीजिंग नेपाल को अंतरराष्ट्रीय सहायता देखकर खुश है, लेकिन यह सहायता बिना किसी राजनीतिक बंधन के होनी चाहिए।

चीन के विदेश मंत्रालय ने अब पांच दिन बाद फिर नेपाल को मिल रही अमेरिकी मदद पर टिप्पणी की। प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, “नेपाल स्थित अमेरिकी दूतावास अमेरिकी लोगों का तोहफा कहा जा रहा है। आखिर कोई तोहफा चेतावनी (अल्टीमेटम) के तौर पर कैसे आ सकता है। क्या कोई इस तरह का तोहफा स्वीकार कर सकता है? 

नेपाल को अमेरिकी मदद पर क्यों बिफरा है चीन?

नेपाल को मिल रही अमेरिकी सहायता को लेकर चीन में काफी हलचल का माहौल है। दरअसल, चीन ने लंबे समय से काठमांडू में निवेश किया है। इसके अलावा ड्रैगन नेपाल की मार्क्सवादी वामपंथी पार्टियों को भी मदद पहुंचाता रहा है। बता दें कि नेपाल की पिछले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के शासन में चीन नेपाल में काफी निवेश कर चुका है। 

अब प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस सरकार को अमेरिका की ओर से वित्तीय सहायता मिलने से चीन के प्रभाव का कम होना तय है। देउबा सरकार में नेपाल की विदेश नीति काफी संतुलित रही है और दिल्ली-काठमांडू के रिश्ते एक बार फिर सुधरे हैं। 

पिछले हफ्ते क्या बोला था चीन?

चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते अमेरिका का नाम लिए बिना कहा था, ‘‘इस तरह का सहयोग और सहायता बिना किसी राजनीतिक बंधन के नेपाली लोगों के पूर्ण सम्मान और इच्छा पर आधारित होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जबरदस्ती की कूटनीति और दूसरे देशों की संप्रभुता की कीमत पर स्वार्थी हितों पर आधारित एजेंडे का विरोध करते हैं।’’

आर्थिक मदद को लेकर क्या बोला था अमेरिका?

पिछले हफ्ते, अमेरिका ने नेपाल से कहा था कि वह एमसीसी के तहत अमेरिका से प्रस्तावित अनुदान सहायता की 28 फरवरी तक पुष्टि करे। उसने यह चेतावनी दी थी कि अगर काठमांडू ने कार्यक्रम को स्वीकार नहीं किया, तो वाशिंगटन हिमालयी राष्ट्र के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करेगा और इसके विफल होने की दशा में चीन के हित को जिम्मेदार मानेगा।

[ad_2]

Source link

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

Categories