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Ground Report Of Chandigarh To Delhi National Highway-44 – मुश्किलों वाला हाईवे: ये सफर नहीं आसां…, चंडीगढ़ से दिल्ली तक राष्ट्रीय राजमार्ग-44 खस्ताहाल, ये है ग्राउंड रिपोर्ट

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राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर चंडीगढ़ से दिल्ली तक का सफर सुरक्षित नहीं। कब गड्ढा आ जाए पता ही नहीं। तेज रफ्तार में ब्रेक लगाने पड़ें तो गाड़ी अनियंत्रित होने का डर रहता है। अवैध कट और टूटी ग्रिल्स से भी हादसों का डर रहता है। सर्विस लेन पर अतिक्रमण भी बड़ी परेशानी। रोजाना गुजरने वाले लाखों वाहन चालकों की जान को खतरा। चंडीगढ़ से निकलते ही और दिल्ली में प्रवेश करने से पहले जाम। हमारे सात संवाददाताओं ने 250 किलोमीटर से अधिक का सफर किया तो ये परेशानियां सामने आईं …प्रस्तुत है ग्राउंड रिपोर्ट…

51 किमी के सफर में कई जगह टूटी सड़क से भी बढ़ रही परेशानी, जाम से ही होती है सफर की शुरुआत

राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर चंडीगढ़ से अंबाला का सफर आसान नहीं है। 51 किलोमीटर के इस सफर की शुरुआत ही जाम और टूटी सड़क से होती है। चंडीगढ़ से निकलते ही राजमार्ग पर जीरकपुर में भारी जाम का सामना करना पड़ता है। मुख्य सड़क से लेकर सर्विस लेन तक की यहां पर खस्ता हालत है। सुबह से लेकर शाम और रात तक यहां पर जाम की स्थिति रहती है। पिछले काफी समय से ये हालात बने हुए हैं, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सुध नहीं ली है। स्थानीय निवासी भी इसको लेकर विभाग को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन स्थिति नहीं बदली। 

जीरकपुर के बाद डेराबस्सी के हालात भी इसी प्रकार हैं। इसके बाद दप्पड़ टोल प्लाजा पर भी दिनभर जाम की स्थिति रहती है। यहां पर रोजाना वीवीआईपी से लेकर वीआईपी लोग जाम में फंसते हैं, लेकिन हालात नहीं बदल रहे हैं। दूसरी ओर, सुरक्षा को लेकर भी हाईवे पर कोई खास बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। हाईवे के दोनों तरफ अवैध कट हैं और ग्रिल टूटी हुई है। इससे राजमार्ग के बीच में बेसहारा पशु आ जाते हैं और हादसों का कारण बनते हैं। रिपोर्ट- अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़

सुरक्षित नहीं हाईवे, बढ़ रहे हादसे (आंकड़े- वर्ष 2021)

            जिला     मौत     घायल  

  • गुरुग्राम     379     695
  • करनाल     383    464
  • सोनीपत    348    524
  • अंबाला      203    316
  • पंचकूला    109     161
  • यमुनानगर  291    331
  • कुरुक्षेत्र      215    450
  • कैथल       164     248
  • पानीपत    311    356
  • रोहतक     201     339
  • झज्जर     240    324
  • हिसार      161    389
  • हांसी         73    149
  • फतेहाबाद   90    206
  • सिरसा      118    266
  • भिवानी     168   383
  • चरखीदादरी  66    115
  • जींद           232    348
  • फरीदाबाद    203    431
  • पलवल       242    370
  • रेवाड़ी         203          427
  • नारनौल      171       324
  • मेवात         217         505
  • कुल         4706       8121
टूटे साइन बोर्ड, ग्रिल और अवैध कट बने मुसीबत, मनमाने तरीके से सड़क के दोनों किनारों पर खड़े रहते हैं वाहन

पिपली से अंबाला पंजाब के सद्दोपुर बॉर्डर तक 56 किलोमीटर के बीच नेशनल हाईवे से अगर आप गुजर रहे हैं तो अतिरिक्त सावधानी जरूरी है। हाईवे पर खड़े वाहन और जगह-जगह अवैध कट हादसे का सबब बन सकते हैं। इसके अलावा टूटी ग्रिल, जगह-जगह गड्ढे और निजी फर्मों के बोर्ड भी मुश्किल में डाल रहे हैं। अमर उजाला ने जब कुरुक्षेत्र जिला के पिपली अंबाला मार्ग पर सरस्वती सेतु से अंबाला सद्दोपुर पंजाब बॉर्डर तक का सफर किया तो यहां रास्ते में खामियां ही खामियां नजर आईं। पिपली से सद्दोपुर बॉर्डर के बीच सड़क के दोनों किनारों पर जूस, हेलमेट, छोले-कुलचों, चाय, तंबाकू और सिगरेट इत्यादि के करीब 100 से ज्यादा रेहड़ी और स्टाल लगे हैं। नेशनल हाईवे पर ही गाड़ियों को खड़ा करके लोग खरीदारी करते दिख जाएंगे।  रिपोर्ट- राजेश शांडिल्य, अमर उजाला ब्यूरो, अंबाला

अवैध कटों को किया जा रहा बंद 

पिछले कुछ दिनों से अवैध कटों को बंद करने का सिलसिला शुरू हुआ है। हालांकि यह काम काफी धीमी गति से चल रहा है। अंबाला में मोहड़ा स्थित हवेली के निकट पत्थरों के सिलों से अवैध कट बंद करने का कार्य जारी है, जबकि कुरुक्षेत्र के त्योड़ा में एक साथ बने करीब दर्जन भर ढाबों के आगे बने अवैध कटों को बंद किया गया है।

ग्रीन बेल्ट और ग्रिल पर निजी फर्मों के साइन बोर्ड

जीटी रोड की पर लगी ग्रिल और इसके बीच बनी ग्रीन बेल्ट में निजी फर्मों के साइन बोर्ड लगे हुए हैं। इनसे खतरा उस समय बढ़ जाता है, जब आंधी या तेज हवा चलती है। कारण कि इनके टूट कर गिरने से हादसों का खतरा बना रहता है।  

  • अंबाला में आम्रपाली होटल के सामने अवैध कट
  • कुलदीप नगर से अंबाला कैंट आईओसी तक दोनों ग्रिल और लोहे की नेट टूटी है
  • जंडली पुल के सामने जीटी रोड पर फ्लाईओवर पर लगा करीब 10 फुट गार्डर का हिस्सा टूटा हुआ है 
  • पिपली से शाहाबाद के बीच कुछ जगहों पर ही नेट और ग्रिल दिखाई देती है 
  • शाहाबाद में एंट्री से लेकर फ्लाईओवर तक कई जगह ग्रिल क्षतिग्रस्त  
मोहड़ी से झिरबड़ी तक अवैध कटों की भरमार, ढाबा संचालकों ने मनमर्जी से बनाए कट, मार्ग पर गड्ढे और टूटी जाली भी हादसे का सबब

कुरुक्षेत्र।
नेशनल हाईवे-44 का करीब 35 किलोमीटर का हिस्सा जिला कुरुक्षेत्र में आता है। अंबाला की तरफ जिले की सीमा गांव मोहड़ी है तथा करनाल की तरफ गांव झिरबड़ी तक है। क्षेत्र में इस हाईवे पर कोई भी टोल प्लाजा नहीं है, लेकिन अवैध कटों की भरमार है। हाईवे पर दोनों तरफ गांव समाना बाहु 9.4 किमी (करनाल) तक लोगों ने अपने फायदे के लिए 39 से ज्यादा अवैध कट बना रखे हैं। अधिकतर अवैध कट ढाबा संचालकों द्वारा बनाए गए हैं, ताकि यात्री आसानी से इन कट के जरिए ढाबे तक पहुंच सकें।

अवैध कट के अलावा मार्ग पर गड्ढे और टूटी जाली भी हादसे का सबब बन रहे हैं। पिपली चौक के पास ही पांच बड़े व गहरे गड्ढे हैं तथा यहां सड़क का स्तर ऊंचा-नीचा है। करीब एक किलोमीटर के बाद सर्विस लेन से हाईवे पर जाने वाला रस्ता बेहद ही खराब है। यहां सड़क से रोड़ी और बजरी बाहर निकल चुकी है और दो बड़े गहरे गड्ढे हैं। सड़क पर फैली बजरी पर फिसलने से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। हाईवे पर दोनों ओर 60 जगह जाली टूटी हुई है। कहीं-कहीं तो यह जाली 50 मीटर से भी ज्यादा तोड़कर रास्ते बनाए गए हैं। वहीं हाईवे पर लगी ग्रिल 21 जगह से गायब हैं। कई जगह से ग्रिल एक तरफ झुक गई है और कभी भी गिर सकती है। करनाल की तरफ 9.4 किमी तक हाईवे पर छोटे-बड़े 22 गड्ढे हैं। वहीं समानी के पास पुल पर छोटे वाहनों के लिए गुजरने के लिए प्लास्टिक के पाइप लगाकर बनाए गए रास्ते के 13 पाइप टूटे हुए मिले। रिपोर्ट- सुनील धीमान और भारत भूषण शर्मा

हाईवे अथॉरिटी से की जाएगी बात

अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने बताया कि अवैध कटों को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी से बातचीत की जाएगी। अभी उनके जानकारी में यह मामला आया है। हाईवे अथॉरिटी से संपर्क करके कार्रवाई की जाएगी।

500 मीटर पुल  पर 159 जगह  पैच वर्क

गांव समानी के पास पुल पर 500 मीटर में ही 159 जगह पर पैच वर्क किया गया है। इससे कुछ दूरी पर 40 जगह पर पैच किए गए हैं। हाईवे पर दोनों ओर पिपली से समाना बाहु तक 211 जगह पर पैच वर्क हुआ है। उमरी के पास भी सर्विस लेन के सेंट्रल वर्ज पर गोबर और उपले पड़े हुए हैं। 

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