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Jhund Movie Review: हाशिये पर अटके समाज की एक और कहानी लाए मंजुले, बिग बी की शोहरत पर पूरा दारोमदार

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Movie Review
झुंड
कलाकार
अमिताभ बच्चन
,
रिंकू राजगुरु
,
आकाश ठोसर
और
केशव कदम आदि
लेखक
नागराज मंजुले
निर्देशक
नागराज मंजुले
निर्माता
तांडव फिल्म्स
और
आटपाट फिल्म्स व टी सीरीज
सिनेमाघर
04 मार्च 2022
जब तक मैंने बताया नहीं मेरे पारिवारिक और सामाजिक दायरे के तमाम किशोर और युवा इसे ‘झंड’ ही पढ़ते रहे। बहुत बाद में ट्रेलर वगैरह देखने के दौरान उन्हें ‘कैवल्य’ प्राप्त हुआ कि फिल्म का असली नाम ‘झुंड’ है। झुंड यानी जमावड़ा। चंद ऐसे किशोरों और युवाओं को जिन्हें देखते ही दुनिया ‘जज’ करती है। ये फिल्म भी यही करती है। फिल्म के निर्देशक नागराज मंजुले, पूरा नाम नागराज पोपटराव मंजुले, भी यही करते हैं। वह दर्शकों से उम्मीद करते हैं कि वे जब फिल्म देखकर बाहर निकलें तो ऐसा न करें। मंजुले का सिनेमा एक तय लकीर पर बरसों से चल रहा है। ‘फैंड्री’, ‘सैराट’, ‘वैकुंठ’ और अब ‘झुंड’ सबकी अंतर्धारा एक है। बतौर तकनीशियन वह कमाल कर रहे हैं। बतौर निर्देशक वह वहीं खड़े हैं जहां वह अपनी पहली फिल्म में थे। मंजुले की नई फिल्म दर्शकों को भीतर से झकझोरती है। अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ की रिलीज 50 साल 3 मार्च को पूरे हो रहे हैं। इस दरम्यान दर्शकों की कोई तीन चार पीढ़ियां आ चुकी हैं। अमिताभ बच्चन हैं तो ‘झुंड’ सिनेमाघरों तक पहुंची है। थिएटर में देखने के लिए फिल्म थोड़ी बोझिल है। ओटीटी पर देखने के लिए ये बिल्कुल परफेक्ट है।
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