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Madhya Pradesh Vyapam Scam: 3 Candidates And Two Munna Brothers Sentenced To 7-7 Years In Police Constable Recruitment – मध्य प्रदेश व्यापमं घोटाला: पुलिस आरक्षक भर्ती में 3 परीक्षार्थी और दो मुन्ना भाइयों को 7-7 वर्ष की सजा

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Wed, 23 Feb 2022 08:38 PM IST

सार

सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को व्यापमं में 2012 में पुलिस आरक्षक भर्ती में 5 आरोपियों को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इसमें तीन परीक्षार्थी और दो मुन्ना भाई (उनकी जगह परीक्षा देने वाले) शामिल है।
 

पुलिस आरक्षक भर्ती में 3 परीक्षार्थी और दो मुन्ना भाइयों को 7-7 वर्ष की सजा

पुलिस आरक्षक भर्ती में 3 परीक्षार्थी और दो मुन्ना भाइयों को 7-7 वर्ष की सजा
– फोटो : फाइल फोटो

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सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया कि व्यापमं ने वर्ष 2012 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 30 सितंबर 2012 आयोजित की थी। इस परीक्षा में 4 दलालों ने 3 मुन्ना भाइयों को पैसा देकर परीक्षार्थियों के स्थान पर बैठाया था। तीनों परीक्षार्थी परीक्षा में पास हो गए थे। 
 
कोर्ट ने कुल 58 गवाहों, 168 दस्तावेजों तथा 19 आर्टिकल के आधार पर तीन परीक्षार्थियों और दो उनकी जगह परीक्षा देने वालों को सजा सुनाई है। आरोपियों के नाम परीक्षार्थी अनेकाराम खरे, गिर्राज सिंह तथा नरसिंह है। वहीं दो परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देने वाले राजू कुमार और नवल सकुमार हैं। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास तथा 10 हजार रुपए अर्थ दंड से दण्डित किया है। वहीं, 4 सह आरोपी जिसमें दलाल शामिल है। उनको साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।
 

विस्तार

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया कि व्यापमं ने वर्ष 2012 में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 30 सितंबर 2012 आयोजित की थी। इस परीक्षा में 4 दलालों ने 3 मुन्ना भाइयों को पैसा देकर परीक्षार्थियों के स्थान पर बैठाया था। तीनों परीक्षार्थी परीक्षा में पास हो गए थे। 

 

कोर्ट ने कुल 58 गवाहों, 168 दस्तावेजों तथा 19 आर्टिकल के आधार पर तीन परीक्षार्थियों और दो उनकी जगह परीक्षा देने वालों को सजा सुनाई है। आरोपियों के नाम परीक्षार्थी अनेकाराम खरे, गिर्राज सिंह तथा नरसिंह है। वहीं दो परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देने वाले राजू कुमार और नवल सकुमार हैं। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास तथा 10 हजार रुपए अर्थ दंड से दण्डित किया है। वहीं, 4 सह आरोपी जिसमें दलाल शामिल है। उनको साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।

 

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