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वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कीव
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 05 Mar 2022 08:05 AM IST
सार
यूक्रेन की ओर से नाटो से अपील की गई थी कि, वे यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करे, जिससे रूसी हमलों से बचा जा सके। हालांकि, परमाणु शक्ति सम्पन्न रूस से सीधे टकराने से बचने के लिए नाटो ने यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने से इंकार कर दिया है।
यूरोप के सबसे बड़े जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट पर रूस के कब्जे के बाद दुनिया में खलबली मची हुई है। सभी देश इसे एक बड़ा परमाणु खतरा मान रहे हैं। ऐसे में परमाणु शक्ति सम्पन्न रूस से सीधे टकराने से बचने के लिए नाटो ने यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने से इंकार कर दिया है। नाटो का मानना है कि, यह कदम रूस को और भड़का सकता है और इसमें कई देश कूद सकते हैं, जिससे पूरे यूरोप में युद्ध शुरू हो जाएगा।
नाटो के इस कदम पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भड़क गए हैं। जेलेंस्की का कहना है कि नाटो ने इस कदम से रूस को ग्रीन सिग्नल दे दिया है, जिससे वह यूक्रेन के शहरों और गांवों में बमबारी जारी रखेगा। दरअसल, यूक्रेन की ओर से नाटो से अपील की गई थी कि, वे यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करे, जिससे रूसी हमलों से बचा जा सके। अमेरिकी विदेश मंत्री का भी कहना है कि यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने का मतलब है कि वहां पर रूसी हवाई जहाजों की घुसपैठ रोकने के लिए नाटो को अपने विमान भेजने पड़ेंगे, इससे पूरे यूरोप में युद्ध छिड़ जाएगा।
10 दिन में पहुंची जंग
रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग दसवें दिन में पहुंच चुकी है। इस बीच रूस यूक्रेन के बहुत से हिस्से पर अपना कब्जा जमा चुका है। यहां तक कि, शुक्रवार को उसने जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। यूरोप के इस सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट से यूक्रेन का करीब 25 से 30 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन होता था। रूस के इस कदम पर जेलेंस्की का कहना है कि न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा यूक्रेन के इतिहास उसके विकास को रोक सकते हैं।
पेंटागन की चेतावनी- बढ़ेगा परमाणु संघर्ष
न्यूक्लियर प्लांट पर रूस के कब्जे के बाद पेंटागन की ओर से चेतावनी जारी की गई है। पेंटागन ने आशंका जताई है कि, इससे परमाणु संघर्ष बढ़ने का खतरा है। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि वह रूस के राष्ट्रपति जो बाइडन को रोकने के लिए हर प्रयास कर रहे हैं और उस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध भी लगा रहे हैं।
विस्तार
यूरोप के सबसे बड़े जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट पर रूस के कब्जे के बाद दुनिया में खलबली मची हुई है। सभी देश इसे एक बड़ा परमाणु खतरा मान रहे हैं। ऐसे में परमाणु शक्ति सम्पन्न रूस से सीधे टकराने से बचने के लिए नाटो ने यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने से इंकार कर दिया है। नाटो का मानना है कि, यह कदम रूस को और भड़का सकता है और इसमें कई देश कूद सकते हैं, जिससे पूरे यूरोप में युद्ध शुरू हो जाएगा।
नाटो के इस कदम पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भड़क गए हैं। जेलेंस्की का कहना है कि नाटो ने इस कदम से रूस को ग्रीन सिग्नल दे दिया है, जिससे वह यूक्रेन के शहरों और गांवों में बमबारी जारी रखेगा। दरअसल, यूक्रेन की ओर से नाटो से अपील की गई थी कि, वे यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करे, जिससे रूसी हमलों से बचा जा सके। अमेरिकी विदेश मंत्री का भी कहना है कि यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने का मतलब है कि वहां पर रूसी हवाई जहाजों की घुसपैठ रोकने के लिए नाटो को अपने विमान भेजने पड़ेंगे, इससे पूरे यूरोप में युद्ध छिड़ जाएगा।
10 दिन में पहुंची जंग
रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग दसवें दिन में पहुंच चुकी है। इस बीच रूस यूक्रेन के बहुत से हिस्से पर अपना कब्जा जमा चुका है। यहां तक कि, शुक्रवार को उसने जपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। यूरोप के इस सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट से यूक्रेन का करीब 25 से 30 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन होता था। रूस के इस कदम पर जेलेंस्की का कहना है कि न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा यूक्रेन के इतिहास उसके विकास को रोक सकते हैं।
पेंटागन की चेतावनी- बढ़ेगा परमाणु संघर्ष
न्यूक्लियर प्लांट पर रूस के कब्जे के बाद पेंटागन की ओर से चेतावनी जारी की गई है। पेंटागन ने आशंका जताई है कि, इससे परमाणु संघर्ष बढ़ने का खतरा है। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि वह रूस के राष्ट्रपति जो बाइडन को रोकने के लिए हर प्रयास कर रहे हैं और उस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध भी लगा रहे हैं।
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