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Ukraine Embassy In Tel Aviv Tries To Recruit Israelis For Fighting Against Russia – यूक्रेन संकट: रूस से युद्ध के लिए यूक्रेन ने इस्रायल में भर्ती अभियान शुरू किया, राष्ट्र की सुरक्षा के लिए लोगों से की अपील
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सार
इस्रायल में यूक्रेनी दूतावास की ओर से एक संदेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि जो कोई भी रूस के खिलाफ लड़ना चाहता है वह हमसे संपर्क कर सकता है।
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विस्तार
इस्रायल में यूक्रेनी दूतावास की ओर से इसे लेकर ट्वीट किया गया है। इसमें कहा गया है- जरूरी सूचना, जो कोई भी रूस के हमले से यूक्रेन को बचाना चाहता है। दोस्तों और भाइयों और इस्रायल में मौजूद दूसरे देश के निवासियों, दूतावास ने रूसी आक्रमण के खिलाफ स्वयंसेवकों की भर्ती शुरू कर दी है।
संदेश में कहा गया कि अगर आप यूक्रेन को बचाना चाहते हैं तो कृपया इस मेल पर संपर्क करें- defendUKRinISR#gmail.com अपने संदेश में अपनी आईडी, नागरिकता, जन्मतिथि, विदेशी पासपोर्ट नंबर, सैन्य विशेषता और संपर्क करने का नंबर का उल्लेख करें। दूतावास आपको आगे की कार्यवाही के बारे में सूचित करेगा।
रूसी सेना ने अब तक यूक्रेन के किन हिस्सों पर कब्जा किया?
- राजधानी कीव के बाहर उत्तरी यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण
- यूक्रेन का दावा रूस ने उत्तर-पूर्वी शहर कोनोतोप पर कब्जा किया
- क्रीमिया प्रायद्वीप के उत्तर में खेरसॉन शहर में भी पहुंची रूसी सेना
- रूस के कीव के सैन्य एयरबेस को अपने कब्जे में करने का दावा किया
- यूक्रेन के दुश्मन ने सुमुद्री रास्ते से घुसकर स्नेक द्वीप को भी हथिया लिया
- कीव से 108 किलोमीटर दूर चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट भी रूस के काबू में
- राजधानी से 15 मिनट की दूरी पर स्थित एंतोनोव इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रूस का नियंत्रण
(मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से)
करीब एक लाख लोगों ने देश छोड़ा
रूस के हमले से घबराकर यूक्रेन के नागरिक देश छोड़कर भाग रहे हैं। करीब 30 लाख की आबादी वाले कीव में गुरुवार को लंबा जाम लग गया था। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक करीब एक लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। इन लोगों ने पड़ोसी देश पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी और मल्डोवा जा चुके हैं। पोलैंड में रिफ्यूजी कैंप शुरू कर दिए गए हैं। वहीं करीब 50 लाख लोग हवाई हमलों से बचने के लिए सब वे स्टेशनों और बंकरों में छिपे हुए हैं। मीडिया में जो तस्वीरें आ रही हैं, वे इससे पहले 1945 के दूसरे विश्व युद्ध के दौरान देखने को मिली थी।
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