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सार
उत्तर प्रदेश के 12 जिलों की 61 सीटों पर कल यानी 27 फरवरी को पांचवें चरण का चुनाव होना है। इस चरण में ज्यादातर धार्मिक जिले शामिल हैं। कई दशक तक चर्चा में रहा अयोध्या हो या कुंभ नगरी प्रयागराज, बुद्ध की नगरी कौशांबी हो या भगवान राम की कर्मभूमि चित्रकूट। इन सभी जिलों में इस चरण में मतदान होना है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण का मतदान रविवार को होगा। इस चरण में प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट, बाराबंकी, प्रतापगढ़, कौशांबी, अमेठी, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और सुल्तानपुर जिले के साथ रायबरेली जिले की एक सीट पर वोटिंग शुरू हो जाएगी। इन 12 जिलों की 61 सीटों पर इस बार 693 प्रत्याशी मैदान में हैं। सबसे ज्यादा प्रयागराज के प्रतापपुर सीट से 25 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सिराथू सीट पर भी इसी चरण में वोट डाले जाएंगे। पढ़िए इन 61 सीटों में से उन 10 सीटों के बारे में जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है।
पहले जानिए 2017 में इन सीटों पर क्या हुआ था?
जिन 61 सीटों पर चुनाव होने हैं, 2017 में उनमें से 47 पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। तीन सीटें भाजपा गठबंधन वाली अपना दल (सोनेलाल) के खाते में गई थीं। पांच सीटों पर समाजवादी पार्टी और तीन पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। दो सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीती थीं। इसमें एक यूपी के बाहुबाली कहे जाने वाले राजा भैया थे, तो दूसरी पर उनके ही करीबी माने जाने वाले विनोद सोनकर थे। एक सीट कांग्रेस के खाते में भी गई थी।
1. सिराथू : कौशांबी जिले की सिराथू सीट इस चरण की सबसे हॉट सीट है। यहां से प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भाजपा ने मैदान में उतारा है। केशव के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक सिराथू पहुंच चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल को टिकट दिया है। पल्लवी के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव खुद प्रचार कर चुके हैं। जातिगत समीकरण के हिसाब से सिराथू में पटेल और मुस्लिम वोटर्स की संख्या काफी अधिक है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम चेहरे के तौर पर मुनसब अली और कांग्रेस ने सीमा देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है। 2017 में यह सीट भाजपा के शीतला प्रसाद ने जीती थी।
2. अयोध्या : इस चुनाव में केवल यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश की नजर अयोध्या सीट पर है। यहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने की भी चर्चा चली थी। हालांकि, बाद में भाजपा ने यहां से वेद प्रकाश को मैदान में उतारा है। सपा गठबंधन ने पूर्व मंत्री तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय पर फिर से भरोसा जताया है। बसपा ने रवि प्रकाश और कांग्रेस ने रीता को टिकट दिया है। 2017 में यह सीट भाजपा के खाते में गई थी।
3. कुंडा : यहां से बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया मैदान में हैं। राजा भैया 1993 से लगातार यहां से जीत हासिल करते आए हैं। सपा गठबंधन की तरफ से इस सीट पर गुलशन यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। गुलशन कभी राजा भैया के खास रहे हैं। भाजपा ने सिंधुजा मिश्रा और बसपा ने मोहम्मद फहीम को टिकट दिया है। कांग्रेस ने योगेश कुमार को मैदान में उतार है।
4. इलाहाबाद पश्चिम : यहां से योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह मैदान में हैं। सिद्वार्थ के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षा ऋचा सिंह को मैदान में उतारा है। बसपा ने गुलाम कादिर और कांग्रेस ने तसलीम उद्दीन को टिकट दिया है। 2017 में यहां से भाजपा के सिद्धार्थ नाथ सिंह जीते थे।
5. इलाहाबाद दक्षिण : यहां से भारतीय जनता पार्टी ने मंत्री नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी को फिर से मैदान में उतारा है। नंदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण प्रत्याशी रईस चंद्र शुक्ला को टिकट दिया है। बसपा ने देवेंद्र मिश्र नगरहा और कांग्रेस ने अल्पना निषाद को प्रत्याशी बनाया है। 2017 में यहां से भाजपा के नंदी जीते थे।
6. रामपुर खास : प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट भी काफी अहम है। यहां से कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी अराधना मिश्र मोना को फिर से मैदान में उतारा है। मोना ने 2017 में भी इस सीट पर जीत हासिल की थी। मोना के खिलाफ भाजपा ने नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को टिकट दिया है। बसपा की तरफ से बांकेलाल पटेल मैदान में हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी ने मोना के समर्थन में इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है।
7. प्रतापगढ़ : यहां से अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल मैदान में हैं। कृष्णा पटेल इस बार समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहीं हैं। कृष्णा पटेल की अपनी बेटी और केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल से नहीं बनती है। दोनों के बीच पार्टी को लेकर लड़ाई हुई थी, जिसके बाद अपना दल दो हिस्सों में बंट गया। एक हिस्से की कमान अब कृष्णा पटेल और उनकी बेटी पल्लवी पटेल संभाल रही हैं, जबकि दूसरे हिस्से की कमान अनुप्रिया पटेल के हाथ में है। कांग्रेस ने यहां से नीरज त्रिपाठी और बसपा ने आशुतोष त्रिपाठी को मैदान में उतारा है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार यहां से राजेंद्र कुमार को टिकट दिया है। 2017 में यह सीट भाजपा की गठबंधन वाली अपना दल सोनेलाल के खाते में गई थी।
8. जगदीशपुर (एससी) : अमेठी की इस सीट से भाजपा ने योगी सरकार में राज्यमंत्री सुरेश पासी पर फिर से भरोसा जताया है। सुरेश योगी सरकार में गन्ना विकास राज्यमंत्री हैं। सुरेश के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने विमलेश कुमारी, बसपा ने जितेंद्र कुमार और कांग्रेस ने विजय कुमार को मैदान में उतारा है। 2017 में भी यह सीट सुरेश ने ही जीती थी।
9. मनकापुर (एससी) : गोंडा जिले में पड़ने वाली इस सीट से भाजपा ने योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री को फिर से मैदान में उतारा है। रमापति योगी सरकार में समाज कल्याण मंत्री हैं। इनके खिलाफ समाजवादी पार्टी ने रमेश चंद्र, बसपा ने श्याम नारायण, और कांग्रेस ने संतोष कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2017 में यह सीट रमापति शास्त्री ने ही जीती थी।
10. चित्रकूट : यहां से भाजपा ने योगी सरकार में राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय पर फिर से भरोसा जताया है। चंद्रिका के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने अनिल प्रधान, बसपा ने पुष्पेंद्र सिंह और कांग्रेस ने निर्मला भारती को टिकट दिया है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पांचवें चरण का मतदान रविवार को होगा। इस चरण में प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट, बाराबंकी, प्रतापगढ़, कौशांबी, अमेठी, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और सुल्तानपुर जिले के साथ रायबरेली जिले की एक सीट पर वोटिंग शुरू हो जाएगी। इन 12 जिलों की 61 सीटों पर इस बार 693 प्रत्याशी मैदान में हैं। सबसे ज्यादा प्रयागराज के प्रतापपुर सीट से 25 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सिराथू सीट पर भी इसी चरण में वोट डाले जाएंगे। पढ़िए इन 61 सीटों में से उन 10 सीटों के बारे में जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है।
पहले जानिए 2017 में इन सीटों पर क्या हुआ था?
जिन 61 सीटों पर चुनाव होने हैं, 2017 में उनमें से 47 पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। तीन सीटें भाजपा गठबंधन वाली अपना दल (सोनेलाल) के खाते में गई थीं। पांच सीटों पर समाजवादी पार्टी और तीन पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। दो सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीती थीं। इसमें एक यूपी के बाहुबाली कहे जाने वाले राजा भैया थे, तो दूसरी पर उनके ही करीबी माने जाने वाले विनोद सोनकर थे। एक सीट कांग्रेस के खाते में भी गई थी।
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